
झारखण्ड के विधायकों से रुपये की बरामदगी का मामला
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : दिल्ली में बाधा के बाद अब असम में भी बंगाल सीआईडी के अधिकारियों को ‘रोका’ गया। हावड़ा में गिरफ्तार झारखण्ड के 3 विधायकों का सीसीटीवी फुटेज गुवाहाटी एयरपोर्ट प्रबंधन से मांगने के समय सीआईडी के इंस्पेक्टर समेत 4 अधिकारियों को राेकने का आरोप असम पुलिस पर है। बुधवार को दिल्ली में पुलिस की बाधा में सीआईडी अधिकारियों को पड़ना पड़ा। ट्वीट कर इसकी जानकारी सीआईडी की ओर से दी गयी। दरअसल, गत शनिवार की रात झारखण्ड के 3 विधायकों की गाड़ी से लगभग 50 लाख रुपये बरामद होने के बाद उन्हें पश्चिम बंग राज्य पुलिस की ओर से गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना की जांच के दौरान सीआईडी के अधिकारी सीसीटीवी फुटेज की बरामदगी के लिए गुवाहाटी एयरपोर्ट पर गये थे। यहां अचानक असम पुलिस आ गयी और सीआईडी अधिकारियों को इस दौरान रोकने का आरोप है। सीआईडी की ओर से दावा किया गया कि जांच में आये अधिकारियों को जबरन गाड़ी में ले जाया गया। सीआईडी सूत्रों के अनुसार, गत सप्ताह गुरुवार को उक्त 3 विधायक गुवाहाटी गये थे। अगले दिन यानी शुक्रवार को वह सभी कोलकाता आये। ऐसे में एक रात के लिए क्यों वे विधायक गुवाहाटी गये थे, पूछताछ में विधायकों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया। इसकी जांच में ही सीआईडी अधिकारियों की टीम गुवाहाटी एयरपोर्ट पर गयी थी। इससे पहले सीआईडी को दिल्ली के साउथ कैम्पस थाना इलाके में सिद्धार्थ मजूमदार नाम के एक व्यवसायी का पता चला। वहां भी उन्हें दिल्ली पुलिस से बाधा का सामना करना पड़ा। सीआईडी का दावा है कि साउथ कैम्पस थाना को पहले ही इसकी जानकारी दी गयी थी और सीआईडी अधिकारियों के पास सर्च वारंट भी था। इसके बावजूद उन्हें ‘बाधा’ दी गयी। इसके बाद एडीजी रैंक के 3 अधिकारी और 2 आईजी रैंक के अधिकारी दिल्ली रवाना हुए और मामले को हल किया। सीआईडी ने दावा किया कि व्यवसायी सिद्धार्थ मजूमदार के घर पर वे रेड करने केे लिए गये थे। टीम में सीआईडी के एक इंस्पेक्टर के अलावा एएसआई और एसआई शामिल थे। सीआईडी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि रेड में उन्हें बाधा दी गयी और उन्हें थाने में रोककर रखा गया। सीआईडी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार विधायक दिल्ली में उक्त व्यवसायी के पास गये थे।