
कोलकाता : सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को कहा कि असम में स्थिति तेजी से सुधर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई की राज्य में तैनात सेना की टुकड़ियों को एक या दो दिन में बैरकों में वापस बुला लिया जाएगा। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने असम में सेना की टुकड़ियां तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि यह राज्य प्रशासन का अधिकार है कि अगर वह किसी स्थिति को संभालने में विफल रहती है तो वह सेना से सहायता मांग सकती है।
इन राज्यों में सेना की टुकड़ियां तैनात
चौहान ने कहा, ‘‘ पिछले करीब तीन दिनों में सेना की टुकड़ियां न केवल असम में बल्कि त्रिपुरा में भी तैनात की गयीं। कुछ को मेघालय में तैयार रहने को कहा गया लेकिन उन्हें तैनात नहीं किया गया।’’ जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम में कहा, ‘‘ शनिवार तक ऊपरी असम क्षेत्र में 24 टुकड़ियां और निचले असम क्षेत्र में 12 टुकड़ियां तैनात थी। हालांकि सिर्फ आठ टुकड़ियों ने फ्लैग मार्च किया। इसके बाद यह संख्या घटकर चार से पांच तक हो गई।‘‘
बंगाल में भी चार दिनों से प्रदर्शन जारी
उनसे जब यह पूछा गया कि क्या पश्चिम बंगाल सरकार ने सेना से सहायता मांगी है, इस पर उन्होंने कहा कि नागरिक प्रशासन द्वारा सहायता मांगने पर सेना मदद के लिए तब आती है। चौहान ने कहा, ‘‘ राज्य प्रशासन को इस पर निर्णय लेना होगा कि उसे सेना की सहायता चाहिए या नहीं।’’ बता दें कि पश्चिम बंगाल में भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले चार दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है।