
राष्ट्रपति के खिलाफ की थी अशालीन टिप्पणी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य सरकार के राज्य कारा मंत्री अखिल गिरी के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर मंगलवार को सुनवायी नहीं हो पाई। इसकी वजह यह थी कि रिट की कापी की सर्विस उन्हें नहीं हो पाई थी। पीआईएल की सुनवायी करते हुए चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज के डिविजन बेंच ने कहा कि अब इसकी सुनवायी बुधवार को होगी।
यहां गौरतलब है कि पिटिशनर को रिट की कापी प्रतिवादी को सर्विस करनी पड़ती है। मामले की सुनवायी शुरू होते ही चीफ जस्टिस ने इस पीआईएल के के पक्ष में पैरवी कर रही एडवोकेट सुश्मिता साहा दत्त से सर्विस के बारे में सवाल किया। उन्होंने बताया कि वे अखिल गिरी के कार्यालय में कापी सर्विस करने गई थीं पर उनके सचिव ने इसे लेने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि कापी सर्विस किए बगैर सुनवायी कैसे हो सकती है। एडवोकेट दत्त ने चीफ जस्टिस से अपील की कि वे प्रतिवादी को सर्विस की कापी रिसीव करने का आदेश दें। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह कैसे कर सकते हैं, यह न्यायिक प्रक्रिया में शामिल नहीं है। चीफ जस्टिस ने एडवोकेट दत्त से कहा वे मंगलवार को दोबारा कापी सर्विस करें। इसके साथ ही भरोसा जताया कि अखिल गिरी सर्विस की कापी ले लेंगे। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा के स्पीकर को भी पार्टी बनाया गया है। कोर्ट की मंजूरी पर इस पीआईएल में से स्पीकर को हटा दिया गया। अखिल गिरी ने नन्दीग्राम में 11 नवंबर को एक जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति के खिलाफ उनकी शक्ल-सूरत का हवाला देते हुए अशालीन टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ उसी दिन नन्दीग्राम थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई थी। एडवोकेट दत्त ने कहा कि इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की जाने पर यह पीआईएल दायर की गई है। इस पीआईएल में सवाल उठाया गया है कि क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा के अध्यक्ष ने गिरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर के अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को निभाया है।