कोलकाता का धरोहर ट्राम सेवा के 150 साल, सेवाएं सिमटीं मगर बंद नहीं होगी

मेट्रो का काम पूरा होने के बाद फिर से कई रूटों में होंगी परिचालित
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ट्राम से सफर आखिर किसे नहीं पसंद। हर किसी को इसका सफर करना अच्छा लगता है। बच्चों से लेकर बुर्जुर्गों को ट्राम की यात्रा बेहद ही पसंद हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक एक बार ट्राम में चढ़ने की अनुभूति करने की उत्सुकता रहती है। कोलकाता के इस गौरवशाली ट्राम सेवा को 24 फरवरी को 150 साल हो गये। पहली बार ट्राम 24 फरवरी 1873 को कोलकाता की पटरियों पर चली थी। हालांकि कई रूटों में सेवा बंद भी हुई। लोग इसे कोलकाता का धरोहर मानते हैं। कोलकाता के इस गौरव को अधिक से अधिक रूट में ही इसकी सेवा बरकरार रखने की मांग भी कर रहे हैं। कोलकाता की धरोहर ट्राम सेवा काफी हद तक सिमट गयी है। 2011 में जहां 37 रूटों में चलती थी वहीं अभी मात्र दो रूटों में ही ट्राम चल रही है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि इसे बंद नहीं किया जायेगा।
ट्राम सेवा बंद करने का कोई इरादा नहीं – परिवहन मंत्री
परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार का कोलकाता में ट्राम सेवा बंद करने का कोई इरादा नहीं है। फ्लाईओवर और मेट्रो रेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण सभी मार्गों पर ट्राम नहीं चला पा रहे हैं। परिवहन विभाग, केएमसी तथा पुलिस के साथ विचार विमर्श से कुछ मार्गों पर ट्रैफिक को प्रभावित किये बिना ट्राम चलाने के लिए चर्चा कर रहे हैं।वहीं जानकारी मिली है कि मेट्रो के काम पूरा होते ही कई रूटों में फिर से ट्राम सेवा शुरू करने की योजना है।
ये है मुख्य मांगे
* खिदिरपुर से एस्प्लेनेड के बीच नियमित ट्राम सेवाओं को फिर से शुरू करने की मांग
* ट्रामों की गति बढ़ायी जाये
…जब पहली बार घोड़े द्वारा खींचकर चली थी ट्राम
24 फरवरी 1873 को सियालदह से अर्मेनियाई घाट स्ट्रीट के बीच घोड़े द्वारा खींची जाने वाली पहली ट्राम 2.4 मील (3.9 किमी) तक चली थी। हालांकि उसी साल यह ट्राम सेवा बंद कर दी गयी और फिर कलकत्ता ट्रामवे कंपनी का गठन किया गया।
एक नजर ट्राम सेवा पर
22 दिसंबर 1880 को सीटीसी लंदन में रजिस्टर्ड किया गया था। पहली इलेक्ट्रिक ट्राम कार 27 मार्च 1902 को एस्प्लेनेड से खिदिरपुर तक चली। उसी साल 14 जून को एस्प्लेनेड से कालीघाट तक सेवा पेश किया। 1905 में पहली बार हावड़ा में ट्राम सेवा शुरू हुई। वर्ष 2011 में 37 रूट में चलती थी ट्राम। 2013 में एसी ट्राम सेवा शुरू हुई। 2023 में मात्र 2 रूट में ट्राम सेवा सिमट गयी है। धर्मतल्ला – गरियाहाट तथा बालीगंज – टालीगंज।
2 मार्च तक चलेगा ट्राम यात्रा कार्निवल
डब्ल्यूबीटीसी के एमडी राजनवीर सिंह कपूर के अनुसार शुक्रवार से शुरू हुए ट्राम यात्रा कार्निवल में कलरफुल ट्राम पूरे शहर में यात्रा करेंगे। वहीं रविवार को 8 ऐतिहासिक ट्रामों की परिक्रमा हुई। एस्प्लानेड से शुरू हुई जो शहर के विभिन्न रूटों तक गयी। लोगों ने इस पल का जमकर लुफ्त उठाया है।

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