कोलकाता: सीएम ममता बनर्जी के सख्त निर्देश के बाद राज्य सरकार अब राज्य भर के विभिन्न सहकारी बैंकों में ‘संदिग्ध खातों’ की पहचान करने और उन पर कड़ी निगरानी रखने को तैयार है। पिछले 2 जनवरी को नवान्न में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के सहकारी बैंकों में अवैध खातों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने इस मुद्दे पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उन्हें इन फर्जी खातों की जांच शुरू करने और दो महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया। उनके हस्तक्षेप के तुरंत बाद मंगलवार को राज्य सहकारिता विभाग की ओर से मंत्री प्रदीप मजुमदार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई जहां सीएस मनोज पंत, सचिव डॉ. कृष्णा गुप्ता और वित्त सचिव प्रभात मिश्रा के साथ बैंक कर्मियों और सहकारी संस्थाओं के अधिकारी भी उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक, घंटों चली इस बैठक में 4 अहम फैसले लिए गए हैं। सीएम के सीधे आदेश से राज्य प्रशासन ने बैंक अधिकारियों, प्रशासकों और उसके हितधारकों को उन ‘संदिग्ध खातों’ की पहचान करने, पता लगाने और उन पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और बैंक के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सभी खातों की केवाईसी अपडेट करने की भी सलाह दी गई है। इतना ही नहीं राज्य प्रशासन ने हर तीन महीने में समीक्षा बैठक का निर्देश दिया है, जबकि अधिकारी हर सप्ताह निगरानी और समीक्षा करेंगे।
क्या हैं ‘संदिग्ध खाते’?
एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार ‘संदिग्ध खाते’ वे हैं जो या तो बहुत सक्रिय या बहुत निष्क्रिय प्रकृति के हैं। अधिकांश खातों में अक्सर बड़ी राशि की निकासी होती है या फिर जमा की जाती है। संदिग्ध खाते वे होते हैं जो कभी-कभी स्वामीहीन होते हैं और कभी-कभी उसके एकाधिक स्वामी होते हैं। सहकारी क्षेत्र में इन खातों को अक्सर ‘भूतिया खातों’ के रूप में जाना जाता है।
सीएम ने यह कहा था
सीएम ममता बनर्जी ने कहा था, कई सहकारी बैंकों में फर्जी खातों में पैसा जमा है। वहां दूसरे के नाम पर पैसा रखा जाता है। प्रत्येक की जांच कर इस बेहिसाब धन को बरामद किया जाना चाहिए। यह पैसा सरकारी खजाने में जाएगा। मैं कई सहकारी बैंकों को जानती हूं जिनके पास बेहिसाब पैसा है। नोटबंदी के दौरान, जन धन योजना के नाम पर कई फर्जी खाते खोले गए। यदि कोई पुरुष जीवित है तो उसका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। मैं जनवरी और फरवरी दो महीने का समय देती हूं। उस अवधि के भीतर जांच पूरी की जानी चाहिए और सभी फर्जी और अवैध खातों की पहचान की जानी चाहिए।