
अब तक 13 स्वस्थ होकर हुए डिस्चार्ज
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः बुखार, सर्दी, खांसी, गले में खरास – कोरोना के सभी लक्षण हैं लेकिन जांच करने पर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। कई डॉक्टर मरीज को मलेरिया से संक्रमित समझकर टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन हकीकत में देखा जा रहा है कि मरीज स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो गया है। कोरोना वायरस महामारी के सेकेंड वेव के बीच मॉनसून की शुरुआत के साथ ही स्वाइन फ्लू ने भी कोलकाता में दस्तक दे दी है। पिछले कुछ दिनों में स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के बाद कोलकाता के 19 निवासियों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका है। राहत की खबर यह है कि इनमें से 13 ठीक भी हो गए हैं। राज्य का स्वास्थ्य विभाग स्थिति की निगरानी कर रहा है। इसकी वजह है कि स्वाइन फ्लू के मामलों की संख्या बढ़ रही है। स्वाइन फ्लू आमतौर पर बरसात के मौसम की शुरुआत में फैलता है।
इन क्षेत्रों से मिले स्वाइन फ्लू के मामले
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोलकाता में अब भी संक्रमित 19 लोगों में से चार खिदिरपुर मटियाब्रुज इलाके के रहने वाले हैं। तीन बेहला के, दो गरियाहाट के, दो जादवपुर के, तीन कसबा के, तीन कांकुड़गाछी के और दो साल्टलेक के रहने वाले हैं।
दूसरी तरफ डॉक्टर्स कोरोना वायरस के साथ ही स्वाइन फ्लू से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि स्वाइन फ्लू अत्यधिक संक्रामक है। नतीजतन, यदि घर में एक व्यक्ति संक्रमित होता है, तो अन्य सदस्यों के संक्रमित होने की संभावना बहुत अधिक होती है। बेहला के नारायण मेमोरियल अस्पताल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ.ध्रुव भट्टाचार्य ने कहा कि, “मरीजों को स्वाइन फ्लू से बहुत सावधान रहना चाहिए। लक्षणों के बावजूद कोरोना के नतीजे निगेटिव आने पर डॉक्टर अक्सर राहत की सांस लेते हैं, लेकिन यह पता चला है कि मरीज स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकता है। ऐसे में डॉक्टरों को जागरूक होने की जरूरत है। वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. पी.के.नेमानी ने कहा कि बुखार, नाक बहना, गले में खरास, खांसी के साथ सूखी खांसी, सिरदर्द के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द, दस्त भी स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। नतीजतन, स्वाइन फ्लू कोरोना के सभी लक्षणों के समान है। यदि ऐसे लक्षण तीन दिन से अधिक समय तक बने रहें तो डॉक्टर को पहले कोरोना की जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि कोरोना परीक्षण के नकारात्मक परिणामों के बावजूद लक्षण बने रहते हैं, तो स्वाइन फ्लू के निदान के लिए आवश्यक परीक्षण किए जाने चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक राज्य का स्वास्थ्य विभाग पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। स्वाइन फ्लू पर विशेषज्ञ राय के साथ दिशा-निर्देश जल्द ही प्रकाशित हो सकते हैं।