बंगाल सफारी में बाघिन रिका ने बच्चों को मुंह से उठाया, हुई तीनों की मौत | Sanmarg

बंगाल सफारी में बाघिन रिका ने बच्चों को मुंह से उठाया, हुई तीनों की मौत

सन्‍मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : शहर से थोड़ी दूर सेवक रोड के पांच माइल स्थित नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क (बंगाल सफारी) में गत सप्ताह हुई रॉयल बंगाल टाइगरों में मादा बाघ रिका के तीन नवजात शावकों की मौत की वजह उनकी मां की लापरवाही ही रही। ऐसा बंगाल सफारी प्रशासन का मानना है। वहीं, इस बात पर जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी मुहर लगा दी है। हालांकि, मामले की जांच अभी जारी है। बंगाल सफारी सूत्रों की मानें तो नाइट शेल्टर में अपने नवजात शावकों के साथ रह रही मां रिका जब अपने नवजात शावकों को अपने मुंह से पकड़ कर एक जगह से दूसरी सुरक्षित जगह ले जा कर रख रही थी तब नवजात शावकों की नाजुक त्वचा मां रिका के बड़े पैने व नुकीले मजबूत दांत की पकड़ नहीं झेल सकी। मां के दांत शावकों की गर्दन में गहरे धंस गए। एक शावक के फेफड़े तो एक की खोपड़ी तक मां के दांत जा धंसे। वहीं, एक शावक की श्वास-नली में छेद हो गया। दो शावक तो कुछ ही देर में मर गए। वहीं एक घायल शावक को इलाज द्वारा बचाने की कोशिश भी की गई लेकिन वह भी नहीं बच पाया।

अधिकारी ने यह कहा

बंगाल सफारी के निदेशक विजय कुमार का कहना है कि, ‘मां रिका की लापरवाही के कारण ही तीनों नवजात शावकों की मौत हुई है, लेकिन हर पहलू पर गौर किया जा रहा है, जांच जारी है।’ वहीं, इस बारे में जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सदस्य सचिव सौरभ चौधरी का कहना है कि, ‘रिका ने दूसरी बार तीन शावकों को जन्म दिया था। रिका को खुद भी थोड़ी शारीरिक समस्या है। वहीं वह अपनी मां शीला जितनी अनुभवी भी नहीं है। सो, रिका ने अपने नवजात शावकों को ऐसे उठाया कि उसके दांत शावकों की गर्दन में गहरे धंस गए और शावक मर गए।’ उनका यह भी कहना है कि, ‘अनुभवी बाघिन मां जन्म के तुरंत बाद नवजात शावकों को स्थानांतरित करने की कोशिश नहीं करती हैं। रिका की मां शीला के साथ ऐसा नहीं था, वह एक अनुभवी मां है। रिका अनुभवहीन है। इसीलिए अपने शावकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहती थी और उसी में उसके दांत गहरे धंसे व शावकों की मौत हो गई।’

कई सवाल उठ रहे हैं
याद रहे कि कुछ दिन पहले बंगाल सफारी में एक कुनकी हथिनी यानी प्रशिक्षित हथिनी लक्ष्मी की वृद्धावस्था में मौत हो गई। उसके बाद, तीन रॉयल बंगाल शावकों की मौत हुई। इसे लेकर स्वाभाविक रूप में बंगाल सफारी प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। यह इसलिए भी कि बंगाल सफारी में मां-बाघिन द्वारा शावकों की मौत कोई नई बात नहीं है। इससे पूर्व, अगस्त 2023 में भी सफेद बाघ कीका के कारण भी दो शावकों की मौत हुई थी।

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