
निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में फीवर क्लिनिक में कम हुए मरीज
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः राज्य में अब कोरोना वायरस के मामलों में कमी आ रही है। ऐसे में देखा जा रहा है कि आउटडोर में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यह अस्पतालों के लिए काफी राहत के संकेत हैं। इससे पहले कोविड के बढ़ते मामलों के कारण ज्यादातर अस्पतालों में ही ओपीडी में मरीज कम आ रहे थे, साथ ही सर्जरी को भी आगे बढ़ा दिया गया था। हालांकि अब ओपीडी में भी मरीज आ रहे हैं व सर्जरी भी सामान्य तौर पर हो रही है।
इस बारे में पीयरलेस अस्पताल के सीईओ सुदीप्त मित्रा ने कहा कि कोविड रोगियों की संख्या में तेजी से गिरावट के साथ, गैर-कोविड रोगियों के मामले अब ओपीडी में आना शुरू हुए हैं। अब ओपीडी में आने वालों की संख्या में 80 से 85 % की वृद्धि हुई है, वहीं गैर-कोविड वार्डों में अस्पताल के बेड की संख्या भी बढ़ गई है। अस्पतालों ने सामान्य रोगियों को समायोजित करने के लिए अधिकांश कोविड वार्डों को गैर-कोविड क्षेत्रों में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व-कोविड समय के दौरान, हमारे पास प्रतिदिन औसतन 700 से अधिक ओपीडी रोगी रहते थे। अब रोजाना लगभग 500 से 550 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं।
बेल व्यू हॉस्पिटल के सीईओ प्रदीप टंडन ने कहा कि कोविड के मामलों में तेजी से गिरावट के बाद मरीज अब अस्पताल वापस आने में अधिक सहज और आश्वस्त हैं। हमारे ओपीडी में लोगों की संख्या में अचानक उछाल देखा गया है, क्योंकि विभिन्न विभागों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। पहले हमारे यहां औसतन रोजाना 800 या उससे अधिक मरीज आ रहे थे। अब फिर से रोजाना औसतन 450 से 500 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। इसके अलावा सर्जरी भी 18-20 रोजाना हो पा रही है। उम्मीद है धीरे-धीरे स्थितियां और सामान्य होंगी।
रिजनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थोलमलॉजी (आरआईओ), कोलकाता के निदेशक प्रो.असीम कुमार घोष ने कहा कि पहले ही अपेक्षा बसों के शुरू होने से आउटडोर में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। हम एक बार फिर से सामान्य आउटडोर की ओर अग्रसर हो रहे हैं।