
लोगों ने कहा, भरोसे से लगवायी थी वैक्सीन
इलाके में भी आईएएस जैसा रौब दिखाता था देबांजन
साथ लेकर घूमता था सिक्युरिटी गार्ड
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : देबांजन देब के फर्जीवाड़े की शिकार सांसद मिमी चक्रवर्ती अकेली नहीं हुई बल्कि उसने अपने करीबियों को भी इस फर्जीवाड़े का भुक्तभोगी बनाया है। देबांजन ने अपने फर्जी रुतबे का रौब दिखाकर न जाने कितने लोगों को बेवकूफ बनाया। दरअसल उसने लोगों को बेवकूफ ही नहीं बनाया बल्कि कोरोना महामारी जैसी आपदा में बेकसूर लोगों को ढकेला भी। जिसमें उसने अपनों को भी नहीं बक्शा। अपने कैंप में देबांजन ने कई करीबियों को भी वैक्सीन लगवायी थी जिसका मैसेज तक उनके फोन में नहीं आया था। आरोपों को देखे तो साफ दिखता है कि देबांजन स्थितियों से परिचित था उसे मालूम था वह जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहा है। अब जब सब सामने आ गया है तो देबांजन के वे दोस्त जिन्होंने भरोसे पर उसके कैंप में जाकर वैक्सीन लगवायी थी उनमें आतंक, डर के साथ गुस्सा और नफरत है।
देबांजन ने कहा था आ जाएगा मैसेज चिंता न करें
कसबा के फर्जी वैक्सिनेशन ड्राइव में देबांजन ने अपने कुछ दोस्तों को भी वैक्सीन लगवायी थी। जानकारी के अनुसार देबांजन के ऐसे चार परिचित थे जिन्होंने वहां वैक्सिनेशन करवाया था। उनके मोबाइल पर काफी समय तक जब मैसेज नहीं आया तो उन लोगों ने देबांजन को इस बात की जानकारी दी। जवाब में देबांजन ने कहा कि चिंता करने की बात नहीं है। जल्द मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। चूंकि देबांजन उनका दोस्त था इसलिए भरोसे पर आकर उन लोगों ने अपनी शंका को दरकिनार कर दिया।
असलियत सामने आयी तो शंका में है लोग
अब जब सब बाते सामने आ गयी है तो इन लोगों में वैक्सीन को लेके डर का माहौल है। इनका कहना है कि हमें असली वैक्सीन दी भी गयी थी कि नहीं इसमें शक हो रहा है। हमने तो देबांजन पर विश्वास करके महामारी के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवायी लेकिन हमें क्या पता था हम किसी फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे है। इस वैक्सीन का क्या साइडइफेक्ट होगा यह सोच कर ही दिल घबरा जा रहा है। रातों की नींद उड़ गयी है। आखिर देबांजन न हमारे साथ ऐसा क्यों किया ? इस खबर ने बाद से तो अब किसी पर विश्वास तक करने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। उसके दोस्तों में एक महिला मित्र ने बताया कि मैं दूसरे राज्य में नौकरी करती हूं इसलिए वैक्सीन जरूरी थी। देबांजन के कहने पर भी मैंने अपने चार दोस्तों और पिता के साथ वहां वैक्सिनेशन करवाया था।
हर जगह आईएएस जैसा झाड़ता था रौब
देबांजन की महिला मित्र ने बताया कि उसने विश्वास में वैक्सीन लगवायी। साथ ही वह खुद को आईएएस बताता था। इलाके में उसका रौब भी आईएएस जैसा ही था। साथ में उसके सिक्युरिटी गार्ड रहते थे। मोबाइल पर किसी की कॉल आने पर वह उसी रुतबे से बात करता था मानो वाकई आईएएस अधिकारी हो। एक पल के लिए भी किसी को शक नहीं हुआ कि वह फर्जी आईएएस है। उसके झांसे ने न जाने कितनों को बेवकूफ बनाया।