तारापीठ में मां तारा एवं नलहाटी में मां नलहाटेश्वरी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

मां तारा के रूप में हो रही श्यामा की आराधना
राजशी वेश में सजी मां तारा
राजशी वेश में सजी मां तारा
Published on
मां नलहाटेश्वरी
मां नलहाटेश्वरी

​बीरभूम : काली पूजा है और तारापीठ में मां तारा के स्वरूप में श्यामा की आराधना की जा रही है। इस विशेष पूजा के दर्शन के लिए तारापीठ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। दोपहर 2:30 बजे अमावस्या तिथि शुरू होते ही मां तारा को पूजा देने का तांता लग गया। बता दें कि सोमवार सुबह 4:00 बजे मां तारा की शिलामूर्ति को महास्नान कराया गया। इसके बाद मां तारा का राजवेश में शृंगार कर मंगल आरती की गई, जिसके तुरंत बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए। ​तारापीठ में मां तारा को सभी देवियों से श्रेष्ठ माना जाता है, इसलिए यहां किसी देवी की मूर्ति पूजा का चलन नहीं है। यही कारण है कि मां तारा के विग्रह पर ही श्यामा पूजा की जा रही है। ​दोपहर में, मां तारा को मध्यह्न भोग के रूप में भात (चावल), पुलाव, दाल, पांच तरह की तली हुई सब्ज़ियां, पांच तरह की सब्जियां, मछली, बलि के बकरे का मांस, सोंठ (शोल) मछली पोड़ा (भुनी हुई मछली), चटनी, खीर, पांच तरह की मिठाइयां और कारण बारी (पवित्र जल) अर्पित किया गया। शाम 6:00 बजे मां तारा की संध्या आरती की गई। इसके बाद खीर, मुरमुरा, पूड़ी और मिठाइयों के साथ शीतल भोग निवेदित किया गया। ​रात 10:00 बजे मां तारा को स्वर्ण आभूषण और डाकेर साज से राज राजेश्वरी के रूप में सजाया गया। इसके बाद निशि पूजा और विशेष आरती शुरू हुई। मंदिर प्राधिकरण ने बताया है कि सोमवार पूरी रात मंदिर के गर्भगृह के द्वार खुले रहे।

भव्य रूप से सजा बीरभूम में मां कंकाली तला मंदीर
भव्य रूप से सजा बीरभूम में मां कंकाली तला मंदीर

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in