

सांकतोड़िया : कोल डिस्पैच में बढ़ोतरी को लेकर ईसीएल के सीएमडी सतीश झा ने आसनसोल रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) विनीता श्रीवास्तव के साथ बैठक की जहां अन्य अधिकारी भी उपस्थित हुए। बैठक में परिवहन अवसंरचना को बढ़ाने, निर्बाध कोयला संचलन सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चा में रेल अवसंरचना में सुधार और प्रेषण दक्षता को बढ़ावा देने के लिए रेक उपलब्धता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने अब तक की प्रगति की समीक्षा की और आगे सुधार के लिए कार्य योजनाओं की रूप-रेखा तैयार की। यह बैठक देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए कोयला उत्पादन और प्रेषण को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए ईसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
32 रैक प्रतिदिन का लक्ष्य है निर्धारित
सीएमडी सतीश झा ने कहा कि इस वर्ष छः माह के दौरान इतनी बारिश हुई है कि कंपनी की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण कोयला डिस्पैच बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अब मात्र छः महीना का समय बचा हुआ है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसी छः महीने के दौरान डिस्पैच को बढ़ाना है साथ ही वर्षा से हुए नुकसान को भी मेकअप करना है। इसमें सभी की मदद अनिवार्य है। डीआरएम ने सीएमडी को आश्वस्त किया है कि हर संभव सहयोग किया जाएगा। मालूम हो कि ईसीएल का कोयला डिस्पैच तीन रेल मंडल के अंतर्गत किया जाता है जिसमें सबसे अधिक आसनसोल रेल मंडल से डिस्पैच होता है। आद्रा रेल मंडल से सिर्फ सोदपुर एरिया का कोयला डिस्पैच होता है जबकि राजमहल एरिया का कोयला डिस्पैच मालदा रेल मंडल के अंतर्गत होता है। इस प्रकार ईसीएल के दो एरिया को छोड़कर बाकी दस एरिया का कोयला आसनसोल रेल मंडल से होता है। डीआरएम ने कोल प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर सीएमडी से अनुरोध किया है ताकि रेलवे अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर सके।