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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

अदालत संसद के बनाए कानून पर रोक नहीं लगा सकती : केंद्र

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करते हुए वक्फ संशोधन एक्ट को सही ठहराया। केंद्र ने कहा कि अदालत संसद के बनाए कानून पर रोक नहीं लगा सकती। वक्फ मुसलमानों की कोई धार्मिक संस्था नहीं बल्कि वैधानिक निकाय है। केंद्र ने वक्फ (संशोधन) की वैधता के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज करने की मांग की। केंद्र ने कहा, अदालतें वैधानिक प्रावधान पर रोक नहीं लगा सकती, संवैधानिक वैधता की समीक्षा कर सकती हैं और निर्णय दे सकती हैं। संसद में बनाए गए कानूनों पर संवैधानिकता की धारणा लागू होती है। विधायिका द्वारा लागू की गई विधायी व्यवस्था को बदलना स्वीकार नहीं है।

केंद्र ने अपने हलफनामें में कहा कि अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि संशोधन से धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों को छीन लिया जाएगा। आप इस बिंदु पर विचार कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट किसी कानून की विधायी क्षमता और मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर समीक्षा कर सकता है।

इस संशोधन कानून से किसी भी व्यक्ति के वक्फ बनाने के धार्मिक अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं होता। केवल प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस कानून में बदलाव किया गया है। संसद द्वारा पारित कानून को संवैधानिक रूप से वैध माना जाता है, विशेष रूप से संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों और संसद में व्यापक बहस के बाद बने हुए कानून को। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को 7 दिन के अंदर केंद्र से वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 मई करने का दिन तय किया है।

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