ऑनलाइन गेमिंग पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट 
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ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर रोक की याचिका पर सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तलब किया जवाब

ऑनलाइन गेमिंग कानून की व्याख्या की मांग

गेमिंग ऐप्स से हो रही सामाजिक व आर्थिक क्षति

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें सरकार को ‘ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म’ पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जो ‘सोशल और ई-स्पोर्ट्स गेम की आड़ में संचालित हो रहे हैं। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन के पीठ ने याची के वकील विराग गुप्ता की दलीलें सुनीं और कहा कि वह मंगलवार को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा।

2,000 सट्टेबाजी और जुआ ऐप का ब्योरा केंद्र को सौंपा : याची का दावा

पीठ ने सरकार से याची द्वारा दी गयी ‘ऑनलाइन गेमिंग ऐप’ के बारे में जानकारी पर कार्रवाई करने को कहा। गुप्ता ने केंद्र सरकार को 2,000 सट्टेबाजी और जुआ ऐप का विवरण सौंपा। पीठ ‘सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज’ (CASC) और शौर्य तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सरकार को इन ऐप के प्रसार पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याची का दावा है कि ये ऐप पूरे देश में बड़े पैमाने पर सामाजिक और आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। पीठ ने 4 नवंबर को सुनवाई के लिए स्थानांतरित की गयी कई याचिकाओं को पहले ही सूचीबद्ध कर लिया है।

ऑनलाइन गेमिंग

सालाना 1.8 लाख करोड़ का कारोबार कर रहे ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी गेम

पीठ ने 17 अक्टूबर को कहा था कि CASC की याचिका एक ‘अहम मुद्दा’ उठाती है और गुप्ता से याचिका की एक प्रति सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को देने के लिए कहा। याचिका में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना और प्रसारण, वित्त, तथा युवा मामले और खेल मंत्रालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्द्धन और विनियमन अधिनियम, 2025’ और राज्य विधानसभाओं द्वारा बनाये गये कानूनों की सही व्याख्या करें ताकि सोशल और ई-स्पोर्ट्स गेम की आड़ में चल रहे ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी गेम पर रोक लगायी जा सके। याचिका में कहा गया है इनका विश्लेषण करने पर पता चला है कि 65 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे गेम खेल रहे हैं, जिससे इन प्लेटफॉर्म का भारत में सालाना 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो रहा है।

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