दवाओं की क्वालिटी के लिए जल्द बनेगा कानून 
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दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों की सख्त गुणवत्ता के लिए कानून जल्द

WHO सहित दुनियाभर में जतायी जा चुकी भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर चिंता!

नयी दिल्ली : केंद्र चिकित्सा उत्पादों के लिए सुरक्षा व गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन की बढ़ती मांग के बीच एक कानून तैयार कर रहा है, जिसका मकसद चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों का नियमन और औषधि गुणवत्ता परीक्षण व बाजार निगरानी को मजबूत बनाना है।

शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है मसौदा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित दुनिया भर के स्वास्थ्य नियामकों ने भारतीय दवा की गुणवत्ता में गंभीर खामियों को लेकर बार-बार की गयी शिकायतें की हैं और चिताएं जतायी हैं, जो इस कानून का मसौदा तैयार करने के पीछे एक प्रमुख कारण है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) डॉ. राजीव रघुवंशी ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘औषधि, चिकित्सा उपकरण एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 2025’ का मसौदा प्रस्तुत किया, जिसे सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करना चाहती है। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने की।

CDSCO ने पेश की प्रस्तावित कानून की रूपरेखा

बैठक के दौरान DCGI और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तावित कानून की रूपरेखा प्रस्तुत की। मध्य प्रदेश में दूषित कफ सिरप के कारण कई बच्चों की मौत के कुछ दिनों बाद यह बैठक हुई है। सूत्रों ने बताया कि मंजूरी मिलने के बाद नये कानून के तहत CDSCO अधिकारियों को घरेलू उपयोग व निर्यात दोनों के लिए भारत में निर्मित दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों की गुणवत्ता की सख्त जांच व निगरानी सुनिश्चित करने का वैधानिक अधिकार मिलेगा।

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