कमरहट्टी पालिका द्वारा उपलब्ध है पेयजल का टैंक  
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कमरहट्टी में पीलिया को देखते हुए युद्धस्तर पर पाइपलाइन बदलने का काम शुरू

सन्मार्ग संवाददाता

कमरहट्टी : नगर पालिका के 10 नंबर वार्ड में पीलिया (Jaundice) फैलने से स्थानीय निवासियों में दहशत और आतंक का माहौल पैदा हो गया है। वार्ड में कई लोगों के इस संक्रमण की चपेट में आने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद नगर पालिका और जिला स्वास्थ्य विभाग स्थिति को नियंत्रित करने और संक्रमण को आगे फैलने से रोकने के लिए युद्धस्तर पर सक्रिय हो गए हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य, श्याम चक्रवर्ती ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का गहन दौरा किया। उनके निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण समस्याएँ सामने आईं। मुख्य रूप से, पानी की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइनों में लीकेज और पुरानी जल निकासी (ड्रेनेज) प्रणाली की खराबी को संक्रमण फैलने का संभावित कारण माना गया है।

श्यामल चक्रवर्ती ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि 'कालाचांद स्कूल' से 'मौसमी मोड़' तक की सड़क के किनारे बिछी एक पाइपलाइन में दरार पाई गई है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका व्यक्त की गई है कि इसी दरार से जल आपूर्ति लाइन में दूषित पानी मिल रहा होगा, जिसके कारण पूरे इलाके में प्रदूषण फैल गया।

प्रभारी सदस्य श्याम चक्रवर्ती ने इस समस्या के त्वरित समाधान के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संक्रमण के स्रोत को खत्म करने के लिए पुरानी और लीकेज वाली एस्बेस्टस पाइपों को युद्धस्तर पर हटाया जा रहा है और उनके स्थान पर नई, सुरक्षित पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) पाइप लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में दूषित पानी का रिसाव न हो और प्रदूषण को जड़ से रोका जा सके।

केवल पाइपलाइन बदलना ही नहीं, बल्कि स्थिति का सटीक आकलन करने के लिए कई स्थानों से पानी के नमूने एकत्र किए गए हैं, जिन्हें गहन जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है।

कमरहट्टी के 10 नंबर वार्ड में लोगों को किया जा रहा है सचेत

लोगों को किया जा रहा है जागरूक

प्रशासन जागरूकता और उपचार दोनों मोर्चों पर काम कर रहा है। कमरहट्टी नगर पालिका ने स्थानीय क्लबों और संगठनों की सहायता से तुरंत स्वास्थ्य शिविरों (Health Camps) का आयोजन शुरू कर दिया है। इन शिविरों में न केवल संक्रमित लोगों का तुरंत इलाज किया जा रहा है, बल्कि क्षेत्र के नागरिकों को पीलिया से बचाव और स्वच्छता के महत्व के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। डिप्टी सीएमओएच (Deputy CMOCH) की देखरेख में स्वास्थ्य अधिकारी इन शिविरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और नागरिकों को सख्त रूप से उबला हुआ पानी पीने की सलाह दे रहे हैं। ये सभी प्रयास इस बीमारी को नियंत्रित करने और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक और प्रशंसनीय हैं।

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