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बीएलओ को नोटिस, सुरक्षा की मांग तेज

कर्मचारियों ने कहा– धमकियों से डर, निष्पक्ष माहौल चाहिए -चुनाव आयोग सख्त, बीएलओ पर कार्रवाई संभव

केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग और फील्ड कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है। आयोग ने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) शुरू होने से पहले सौ से अधिक बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कई बीएलओ ने सुरक्षा की कमी और राजनीतिक दबाव का हवाला देते हुए काम करने में अनिच्छा जताई है। आयोग ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर पुलिस सुरक्षा दी जाएगी, पर आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर खींचतान

आयोग के सूत्रों के अनुसार, कई बीएलओ ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में रुचि नहीं दिखाई है। ऐसे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि वे काम से क्यों बच रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, अगर कोई कर्मचारी आयोग के आदेशों की अवहेलना करता है, तो यह अनुशासनहीनता मानी जाएगी। सुरक्षा की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। चुनाव आयोग पहले ही ज़िला प्रशासन को निर्देश दे चुका है कि बीएलओ को किसी तरह की धमकी या दबाव से मुक्त माहौल दिया जाए।

धमकियों से घिरे बीएलओ ने मांगी सुरक्षा

राज्य के कई हिस्सों से बीएलओ को धमकाने और परेशान करने की शिकायतें सामने आई हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि जहां मतदाता सूची से फर्जी नाम हटाने की कोशिश की जा रही है, वहाँ राजनीतिक कार्यकर्ता दबाव बना रहे हैं। कुछ बीएलओ को खुलेआम हथियार दिखाकर डराया गया, तो कुछ को जान से मारने की धमकी मिली। कर्मचारियों ने आयोग से अपील की है कि फील्ड में काम करने वालों को पर्याप्त सुरक्षा और निष्पक्ष वातावरण दिया जाए ताकि वे बिना भय के अपना कर्तव्य निभा सकें।

🟩 मुख्य बिंदु :

1️⃣ चुनाव आयोग की सख्ती:

  • विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच आयोग ने कई बीएलओ को कारण बताओ नोटिस भेजा।

  • इन कर्मचारियों पर काम में रुचि न दिखाने और आदेशों की अनदेखी करने का आरोप।

2️⃣ 100 से ज़्यादा बीएलओ पर कार्रवाई:

  • लगभग सौ से अधिक ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को नोटिस जारी।

  • संतोषजनक जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी।

3️⃣ सुरक्षा को लेकर चिंता:

  • बीएलओ ने मैदान में काम करते समय धमकियों और दबाव की शिकायतें कीं।

  • कोलकाता के कस्बा, खिदिरपुर, गुलशन कॉलोनी जैसे इलाकों में डर का माहौल बताया गया।

4️⃣ राजनीतिक दबाव के आरोप:

  • बीएलओ का कहना — फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने पर सत्तारूढ़ दल की नाराज़गी।

  • मतदाता सूची में हेरफेर रोकने की कोशिश करने पर धमकियाँ मिलने का दावा।

5️⃣ आयोग का रुख स्पष्ट:

  • आयोग ने कहा, ज़रूरत पड़ने पर पुलिस सुरक्षा दी जाएगी।

  • ज़िला प्रशासन को सख्त निर्देश — बीएलओ को धमकाने वालों पर तुरंत कार्रवाई करें।

6️⃣ वरिष्ठ अधिकारी का बयान:

  • अधिकारी ने बताया — “धमकी या राजनीतिक द्वेष बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

  • आयोग के आदेशों की अनदेखी अनुशासनहीनता मानी जाएगी।

7️⃣ विश्लेषकों की राय:

  • नोटिस जारी करना आयोग का गंभीर कदम माना जा रहा है।

  • संदेश — “चुनावी प्रक्रिया में लापरवाही या भय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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