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जिला प्रशासन ने ‘गांव की ओर’ पहल की शुरुआत की


सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : उत्तर एवं मध्य अंडमान जिला प्रशासन ने नागरिकों से सीधे संवाद बढ़ाने और सहभागी शासन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से नई जनसंपर्क पहल “संपर्क से समाधान – प्रशासन गांव की ओर” की शुरुआत की घोषणा की है। यह पहल लोगों के द्वार तक प्रशासन को पहुंचाने, जवाबदेही और पारदर्शी नागरिक-केन्द्रित शासन सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है।

इस अभियान के तहत उपायुक्त (उत्तर एवं मध्य अंडमान) संबंधित सहायक आयुक्तों, राजस्व अधिकारियों और सभी विभागों के प्रमुखों के साथ प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार, शनिवार और रविवार को विभिन्न गांवों का दौरा करेंगे। इन दौरों के दौरान अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों से मिलकर उनकी समस्याओं, शिकायतों और विकास संबंधी आवश्यकताओं को सुनेंगे। यथास्थान समाधान संभव न होने वाले मामलों में उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के लिए उन्हें संबंधित प्राधिकरण को अग्रेषित किया जाएगा।

इस पहल का औपचारिक शुभारंभ 5 नवम्बर 2025 को निर्धारित किया गया है। पहले चरण में उपायुक्त 7, 8 और 9 नवम्बर को डिगलीपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे। इस पहल के माध्यम से प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ग्रामीण नागरिकों की समस्याएँ और सुझाव सीधे अधिकारियों तक पहुँचें और उनके त्वरित समाधान को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्य सचिव और राजस्व आयुक्त के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए यह पहल प्रशासन को सीधे जनता से जोड़ने और शासन में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अधिकारियों का उद्देश्य केवल समस्याएँ सुनना नहीं है, बल्कि उनके त्वरित समाधान और कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करना है।

जिला प्रशासन का मानना है कि यह पहल उत्तर एवं मध्य अंडमान में विकास की गति को तेज करने और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने में मदद करेगी। इससे नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ेगा और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। प्रशासन ने सभी नागरिकों से इस पहल में सहयोग और सक्रिय भागीदारी का अनुरोध किया है ताकि इसे प्रभावी और सफल बनाया जा सके।

यह कार्यक्रम ग्रामीण प्रशासन और नागरिकों के बीच संवाद को सुगम बनाएगा, शिकायतों और विकास संबंधी आवश्यकताओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगा और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। इस पहल से शासन और जनता के बीच की दूरी कम होगी और ग्रामीण विकास में सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।

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