निधि, सन्मार्ग संवाददाता
नदिया: पर्यावरण संरक्षण और स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नदिया जिले में पहली पर्यावरण अनुकूल, यानी प्लास्टिक मिश्रित सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह सड़क शांतिपुर ब्लॉक के गायेशपुर पंचायत के मानिकनगर गांव में बनाई जा रही है।
स्थानीय विधायक ब्रजकिशोर गोस्वामी की विशेष पहल पर यह परियोजना शुरू की गई है। पश्चिम बंगाल सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (Backward Classes Welfare Department) के 38 लाख रुपये के वित्तीय सहयोग से इस गांव में कुल तीन सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
भारत में दूसरी प्लास्टिक मिश्रित सड़क
प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके सड़क निर्माण की यह तकनीक देश में अभी शुरुआती चरण में है। भारत में इस तरह की पहली प्रायोगिक सड़क का उद्घाटन मई 2023 में पूर्वी बर्दवान जिले के रायना-II ब्लॉक में 22 लाख रुपये की लागत से 320 मीटर की दूरी के लिए किया गया था। अब, उसी भौगोलिक क्षेत्र में, नदिया जिले के हिस्से में, यह दूसरी महत्वपूर्ण प्लास्टिक मिश्रित सड़क बन रही है, जो क्षेत्र के लिए एक मिसाल कायम करेगी।
प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में सहायक
इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें प्लास्टिक कचरे का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। इंजीनियर्स और प्रशासनिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस सड़क के निर्माण में प्रत्येक 1000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे को रिफाइन (शोधित) करके बनाए गए 550 किलोग्राम प्लास्टिक दानों का उपयोग किया जाएगा। इस तरह, यह सड़क न केवल गांव को बेहतर कनेक्टिविटी देगी, बल्कि बड़े पैमाने पर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करेगी।
जनप्रतिनिधियों पर लोगों के पुराने 'गिले-शिकवे' हुए दूर
विधायक ब्रजकिशोर गोस्वामी ने इस अवसर पर बताया कि मानिकनगर गांव के लोगों को अपने जनप्रतिनिधियों से पुराने 'गिले-शिकवे' (शिकायतें) थे। विधायक बनने के बाद उन्होंने इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रति निष्ठा और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ उनके समन्वय के कारण ही यह परियोजना साकार हो पाई है। उन्होंने बताया कि इस सड़क के अलावा स्वास्थ्य केंद्र, स्टेडियम और विभिन्न सरकारी योजनाओं की मदद से मानिकनगर में व्यापक विकास कार्य हुए हैं।
निर्माण कार्य के शुभारंभ के समय विधायक ब्रजकिशोर गोस्वामी, मुख्य इंजीनियर, स्थानीय पंचायत सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। इस दौरान आदिवासी नृत्य और अन्य पारंपरिक आतिथ्य सत्कार के कारण गांव में एक उत्सव जैसा माहौल बन गया था। स्थानीय लोग एक तरफ पर्यावरण प्रदूषण कम होने और दूसरी तरफ उन्नत तथा टिकाऊ सड़क तकनीक मिलने से बेहद उत्साहित और खुश हैं।