सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बंगाल के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इस बार योजनाओं के फंड को लेकर नहीं बल्कि आरोप नार्थ बंगाल में हाल में आयी आपदा पर फंड नहीं देने का मामला है। यहां हाल में आयी प्राकृतिक आपदा में 32 लोग मारे गये तथा भारी तबाही हुई। राज्य सरकार लगातार राहत अभियान चला रही है। अब फंड को लेकर राजनीति गरमा गयी है और केन्द्र पर भेदभाव का आरोप लगा है। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को एक पोस्ट में दावा किया कि महाराष्ट्र व कर्नाटक में बाढ़ के लिए 1,950 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने उत्तर बंगाल में बाढ़ के लिए एक पैसा भी आवंटित नहीं किया है। तृणमूल ने सोशल मीडिया पर लिखा, उत्तर बंगाल विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से तबाह हो गया है, अनगिनत लोगों के जीवन, घर और आजीविका नष्ट हो गए हैं। फिर भी केंद्र सरकार कठिन समय में चुप है। केंद्र ने फिर जरूरत की घड़ी में बंगाल के लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है। तृणमूल ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को एक भी रुपया राहत देने से इनकार कर दिया है। गृह मंत्री ने महाराष्ट्र और कर्नाटक को बाढ़ संकट से निपटने के लिए 1,950.80 करोड़ रुपये दिये, लेकिन बंगाल को बेसहारा छोड़ दिया।
आरोप : हार का बदला फंड रोककर
तृणमूल लगातार यह आरोप लगाती आ रही है कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा हार का बदला फंड रोककर ले रही है। इस दिन तृणमूल ने एक बार फिर आरोप लगाया कि मोदी-शाह की जोड़ी 2021 में बंगाल में मिली हार का बदला लेने के लिए संघीय धन को हथियार बना रही है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने इस साल एसडीआरएफ से 13,603.20 करोड़ और एनडीआरएफ से 2,189.28 करोड़ अन्य राज्यों को जारी किये, लेकिन बंगाल इस सूची से गायब है। शासन के नाम पर राजनीतिक द्वेष का इस्तेमाल किया जा रहा है। तृणमूल ने कहा कि दिल्ली में बैठे बांग्ला-विरोधी जमींदारों को जवाब मिलेगा। बंगाल के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है, उसका जवाब जनता बैलेट पेपर से देगी।