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‘आमादेर पाड़ा आमादेर समाधान’ बना मॉडल : तृणमूल

तृणमूल का दावा : तमिलनाडु ने ली प्रेरणा

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को एक अहम दावा करते हुए कहा कि बंगाल सरकार की जन-केंद्रित योजना ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ से प्रेरणा लेते हुए तमिलनाडु सरकार ने अपना अभियान ‘नम्मा ऊरु, नम्मा अरासु’ शुरू किया है। तृणमूल ने इसे पश्चिम बंगाल के जन-प्रथम दृष्टिकोण की राष्ट्रीय मान्यता करार दिया है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में इस योजना के तहत राज्यभर में अब तक 28,000 से अधिक समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया है। इन शिविरों में नागरिकों को अपने स्थानीय मुद्दों और विकास की जरूरतों को साझा करने का अवसर दिया गया। इसके माध्यम से लोगों की समस्याएं सीधे शासन तक पहुंचीं और प्राथमिकता के आधार पर समाधान की दिशा में कदम उठाए गए। इस पहल के तहत राज्य सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। साथ ही, प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए 10 लाख रुपये का आवंटन तय किया गया है। तृणमूल का कहना है कि यह मॉडल सहभागी शासन का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है, जिसने न केवल लोगों की शिकायतों का समाधान किया बल्कि जनता के भरोसे को भी मजबूत किया। तृणमूल ने आगे कहा कि तमिलनाडु द्वारा इसी तर्ज पर अभियान शुरू किया जाना दर्शाता है कि बंगाल की नीतियां अब अन्य राज्यों को भी दिशा दे रही हैं। पार्टी ने जोर देते हुए कहा कि बंगाल ने रास्ता दिखाया है।

‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ पर एक नजर

* राज्यभर में अब तक 28,000 से अधिक समाधान शिविर

* 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लिया भाग

* 8,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च

तृणमूल का दावा : इस दिन तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि बंगाल की नीतियां अब अन्य राज्यों को भी दिशा दे रही हैं। पार्टी ने जोर देते हुए कहा कि बंगाल ने रास्ता दिखाया है।

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