सिलीगुड़ी : राज्य के प्रमुख चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में से एक उत्तरबंगाल मेडिकल कॉलेज एक बार फिर से रैगिंग और ‘थ्रेट कल्चर’ के आरोपों को लेकर विवादों में घिर गया है। 2025 बैच के कई छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें रोज़ाना देर रात तक मल्टीपर्पस हॉल और हॉस्टल के कमरों में बुलाकर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जा रही है। इन शिकायतों में जिन वरिष्ठ छात्रों के नाम सामने आ रहे हैं, वे वही छात्र बताए जा रहे हैं जो पिछले वर्ष रैगिंग के आरोप में निलंबित किए गए थे, लेकिन बाद में न्यायालय से राहत पाकर कॉलेज में लौटे।
रात दो बजे तक बुलाकर होता है उत्पीड़न, 9 अक्टूबर को दो छात्रों से मारपीट का आरोप
छात्रों के अनुसार, कई बार उन्हें रात 1:30 से 2:00 बजे तक बुलाया जाता है, जहां उन्हें अश्लील बातें करने, आपत्तिजनक हरकतें करने और घंटों तक खड़े रहने के लिए मजबूर किया जाता है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि 9 अक्टूबर की रात को दो छात्रों को शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया और घटना का जिक्र किसी से करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
'प्लाज्मा' फेस्ट के नाम पर जबरन वसूली का आरोप
कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम 'प्लाज्मा' के आयोजन के नाम पर भी छात्रों पर 3500 रूपये से 4000 रूपये तक जबरन चंदा देने का दबाव बनाया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि यदि कोई छात्र पैसे देने से मना करता है, तो उसे देख लेने की धमकी दी जा रही है। यह आरोप इतना गंभीर है कि कॉलेज के स्टूडेंट्स अफेयर्स डीन डॉ. अनुपम नाथगुप्ता ने भी खुलकर कहा कि मुझसे भी प्लाज्मा के नाम पर 50,000 रूपये की मांग की गई, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया।
कॉलेज प्रशासन के पास पहुंचा मामला, छात्रों का प्रदर्शन और ज्ञापन
घटनाओं से परेशान होकर सोमवार दोपहर, मेडिकल कॉलेज के छात्र डीन ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय मल्लिक को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द कार्रवाई और आरोपियों पर सख्त सज़ा की मांग की। डॉ. मल्लिक ने आश्वासन दिया है कि वे पूरे मामले की गंभीरता से जांच करवाएंगे और उचित कदम उठाएंगे।
पिछले वर्ष भी हुआ था रैगिंग कांड, फिर लौटे वही चेहरे?
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी उत्तरबंगाल मेडिकल कॉलेज में इसी तरह के आरोपों पर कई छात्रों को निलंबित किया गया था। हालांकि, बाद में वे छात्र उच्च न्यायालय से अनुमति लेकर परीक्षा में शामिल हुए और कॉलेज में फिर से लौटे। अब पीड़ित छात्रों का आरोप है कि वही छात्र अब दोबारा नई बैच के छात्रों को निशाना बना रहे हैं और एक बार फिर थ्रेट कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं।
छात्रों में डर का माहौल, लेकिन अब खुलकर किया विरोध
पीड़ित छात्रों ने कहा कि वे पिछले कई दिनों से भय के माहौल में जी रहे थे, लेकिन 9 अक्टूबर की घटना के बाद अब वे चुप नहीं रह सकते। इसलिए वे एकजुट होकर प्रशासन के पास पहुंचे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
छात्रों की मांग: सख्त कार्रवाई, दोबारा न दोहराई जाए ये घटनाएं
छात्रों का साफ कहना है कि यदि इन आरोपियों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह कॉलेज की छवि और भावी छात्रों की सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। कॉलेज प्रशासन से यह भी सवाल उठ रहे हैं कि पिछले साल जिन छात्रों पर रैगिंग जैसे गंभीर आरोप लगे थे, उन्हें दोबारा जिम्मेदारियों में कैसे शामिल किया गया? अब देखना है कि कॉलेज प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य शिक्षा विभाग इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या पीड़ित छात्रों को न्याय मिल पाता है या नहीं।