नागराकाटा: कहीं सभी शिक्षक ही बीएलओ बन गए हैं, तो कहीं सिर्फ एक शिक्षक ही स्कूल में बचे हैं। मंगलवार से एसआईआर कार्य शुरू होते ही डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान इलाकों के कई स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई लगभग ठप हो गई है। स्थिति की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन वे भी असहाय हैं। मेटेली और नागराकाटा के विद्यालय निरीक्षक विजय चंद्र राय ने बताया कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी से समस्या उत्पन्न हुई है, उन्हें सुबह की पाली में कक्षाएं और मिड-डे मील चलाने की अनुमति दी गई है। साथ ही, आसपास के स्कूलों से शिक्षक बुलाकर स्थिति संभालने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अधिकांश जगहों पर अतिरिक्त शिक्षक मिलना भी मुश्किल हो गया है। मेटेली ब्लॉक के सुरसुती फॉरेस्ट विलेज प्राथमिक विद्यालय में तीनों शिक्षक बीएलओ की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। प्रधान शिक्षक गौतम राय ने बताया, “मैंने बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के बाद दोपहर एक बजे स्कूल से निकला और फिर एसआईआर का काम शुरू किया। आने वाले एक महीने तक आपस में समायोजन करके स्कूल चलाने के सिवा कोई उपाय नहीं दिख रहा।
उसी ब्लॉक के इंडोंग टीजी आईटीडीपी स्कूल में चार में से तीन शिक्षक बीएलओ का काम कर रहे हैं। प्रधान शिक्षक प्रदीप टोप्पो ने कहा, हमारे यहां 80 छात्र-छात्राएं हैं। अकेले एक शिक्षक के लिए स्कूल चलाना बेहद कठिन है। अगले महीने तीसरी पार्विक मूल्यांकन परीक्षा है। समझ नहीं आ रहा पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा। नागराकाटा ब्लॉक के केरन टीजी प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षकों में से दो ने एसआईआर का काम शुरू कर दिया है। अप्पर गाठिया प्राथमिक स्कूल की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। वहां तीन शिक्षकों में से दो बीएलओ बने हैं और सौ से अधिक छात्र पढ़ते हैं। इसी तरह नागराकाटा के बामनडांगा टीजी प्राथमिक विद्यालय में 157 छात्र पढ़ते हैं और चार शिक्षक हैं। इनमें से दो बीएलओ बन चुके हैं। प्रधान शिक्षक राजू शा ने कहा, स्थिति को लेकर हम बेहद चिंतित हैं।