सिलीगुड़ी: व्यापारियों को त्यौहारों का इंतजार रहता है और कुछ दिनों बाद दीपावली है | लेकिन दीपावली से पहले कुदरत का ऐसा कहर उत्तर बंगाल में बरसा की चारों तरफ मातम पसर गया और इसका अच्छा खासा असर सिलीगुड़ी के व्यापारियों पर भी पड़ रहा है |
पहाड़ की सुंदरता उत्तर बंगाल की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है और सिलीगुड़ी उत्तर बंगाल का सबसे विख्यात शहर है | चारों तरफ पर्वतों से घिरा हुआ सिलीगुड़ी शहर मानचित्र में भी खास पहचान रखता है | व्यापार की बात करें तो पहाड़ और सिलीगुड़ी एक दूसरे पर निर्भर है | सिलीगुड़ी बंद हो जाए तो उसका असर पहाड़ में देखने को मिलता है और पहाड़ बंद हो जाए तो उसका असर सिलीगुड़ी के व्यापार पर पड़ता है |
बता दे कि, उत्तर बंगाल के लोग 4 अक्टूबर की रात को शायद कभी नहीं भूलेंगे | क्योंकि उस रात आसमान से इतनी तेज बारिश हुई कि, जिसने उत्तर बंगाल के पहाड़ी और समतल दोनों क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया | दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और जलपाईगुड़ी विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के कारण आई आपदा ने चारों ओर तबाही मचा दी | इस तबाही में एनएच 10 से लेकर पहाड़ और समतल को जोड़ने वाली कई सड़के बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और जिसके कारण यातायात भी प्रभावित हुई है |
दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के बीच आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके कारण वाहनों की संख्या भी कम हो गई है |
राज राई नामक गंगटोक के वाहन चालक ने बताया कि, आपदा से पहले त्यौहारों में रोजाना गंगटोक से लगभग 300 से 400 गाड़ियां सिलीगुड़ी की ओर रवाना होती थी लेकिन अब उसकी संख्या घटकर एक से डेढ़ सौ के बीच रह गई है उसमें भी यात्रियों की संख्या गिनी चुनी रहती है | पहाड़ी मार्गों का इस तरह से क्षतिग्रस्त होने से कहीं ना कहीं सिलीगुड़ी के मार्केट में भी प्रभाव पड़ रहा है |
नकुल अधिकारी जो दार्जिलिंग के वाहन चालाक है उन्होंने बताया कि पंखाबाड़ी का रास्ता सुबह 8 बजे तक खुला रहता है और उसके बाद तीनधारे से होते हुए उन्हें सिलीगुड़ी पहुंचना पड़ता है | जिसके कारण काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है लम्बे रास्ता से आने के कारण किराये में भी बढ़ोतरी हुई है जो यात्री नहीं देना चाहते है | सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से वाहन चालकों को भारी नुकसान हो रहा है |
दीपावली में अब कुछ दिन ही बाकी है सिलीगुड़ी का हांगकांग मार्केट, विधान मार्केट, सेठ श्रीलाल मार्केट अभी वीरान पड़ा हुआ है | समतल के लोग ही खरीदारी करते दिखे | इस विषय में दुकानदारों ने बताया पहाड़ बंद होने का काफी ज्यादा असर पड़ा है | वरना हर साल इस दौरान पहाड़ी क्षेत्र के लोग जमकर खरीदारी करते हैं उनका कहना है कि, गोरखा समुदाय भाई टिका को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं और दीपावली में पर्दे, बर्तन, विभिन्न तरह के सजावट के सामानों की काफी डिमांड भी रहती है | लेकिन इस बार धंधा मंदा चल रहा है | व्यापारी धुरवा आचार्य ने बताया कि वह कई दशक से विधान मार्केट में अपना व्यापार कर रहे हैं लेकिन इस बार दीपावली के समय कोई रौनक नहीं है | पहाड़ से लोग त्योहारों के समय सिलीगुड़ी की ओर रुख करते हैं फिलहाल सड़क क्षतिग्रस्त होने से बाजारों में वे नहीं पहुंच पा रहे हैं और जिसका भुगतान व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है | वहीं सुब्रतो बनिक ने भी बताया कि मिला झूला असर है स्थानीय लोग खरीदारी कर रहे हैं लेकिन पहाड़ी क्षेत्र से लोग नहीं आ पा रहे हैं जिसके कारण बाजारों में रौनक कम है | कपड़े के व्यापारी विश्वजीत दास ने बताया कि उनका व्यापार पहले की तरह ही चल रहा है उन्हें पहाड़ बंद होने से खास नुकसान नहीं हुआ है | दूसरे कपड़े के व्यापारी मिहिर सिंह ने बताया कि बाजारों में ग्राहकों की भारी कमी है इस समय पहाड़ से अच्छा व्यापार होता था लेकिन इस बार मार्केट सुनसान है |
विधान मार्केट के बाद जंक्शन जे.बी मार्केट में भी पहाड़ बंद होने का असर दिखा | चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे हुए थे | दीपक शर्मा ने बताया कि पहाड़ बंद होने का असर काफी हद तक पड़ा है क्योंकि दीपावली से ठंड की शुरुआत हो जाती है और पहाड़ के निवासी यहां गर्म कपड़े की खरीदारी करते थे लेकिन यातायात बाधित होने से व्यापार में नुकसान हो रहा है | जे.बी मार्केट के सेक्रेटरी एमडी साजद हुसैन से जब इस विषय को लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में हुई तबाही का और ऑनलाइन व्यवस्था का जोरदार असर व्यापार में पड़ा है | लोग पहले टहलने के बहाने से आकर भी कपड़ों की खरीदारी करते थे लेकिन अब वह समय बीत चुका है | अब लोगों को घर बैठे ही आसानी से सारी सुविधाएं मिल रही है जिसके कारण वे जे.बी मार्केट की ओर आना भूल गए हैं | कुछ लोग हैं जो अभी भी दुकानदारों से खरीदारी करते हैं लेकिन पहाड़ बंद होने के कारण वो उम्मीद भी समाप्त हो गई है | उन्होंने ने क्षतिग्रस्त हुए सड़कों की जल्द मरम्मत की मांग प्रशासन से की है |
देखा जाए तो प्राकृतिक आपदा ने सिर्फ पहाड़ी क्षेत्र को ही नहीं कहीं ना कहीं सिलीगुड़ी को भी प्रभावित किया है त्यौहारों का मौसम है और ऐसे में सिलीगुड़ी का विख्यात विधान मार्केट सुनसान पड़ा हुआ है | व्यापारियों और वाहन चालकों ने प्रशासन से जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त हुए सड़कों को दुरुस्त करने की मांग की है क्योंकि अभी भी दीपावली आने में कुछ समय बाकी है और व्यापारियों को उम्मीद है कि सड़क मार्ग दुरुस्त होने से पहाड़ी क्षेत्र से लोगों का आना शुरू हो जाएगा और बाजारों में रौनक फिर से लौट आएंगी |