कोलकाता : महानगर में एक फर्जी वाहन नंबर प्लेट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का कोलकाता पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम मंगल नस्कर, परमेंद्र प्रसाद केशरी, विक्रम साव, शेख नियाज़ुद्दीन , मीर सहेनुल अख्तर, मीर फारूक अली, समीर अली और सलमान खान हैं। पुलिस को आरोपितों के पास से पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा सहित कई राज्यों के फर्जी नंबर प्लेट और नंबर प्लेट बनाने की मशीनें मिली हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को कसबा ट्रैफिक गार्ड के सार्जेंट सौविक विश्वास ड्यूटी पर थे। इस दौरान डीपीएस जूनियर, रूबी पार्क के पास एक बंगाल की नंबर प्लेट लगी एक स्कूटी को उन्होंने रोका। स्कूटी के दस्तावेज की जांच करते ही पुलिस चौंक गयी, क्योंकि यह नंबर पहले से ही किसी अन्य व्यक्ति रंजन दत्ता के नाम पर पंजीकृत था। जब रजिस्ट्रेशन नंबर की गहराई से जांच की गयी, तब पता चला कि रंजन दत्ता ने पहले ही 10 अक्टूबर को पुलिस को ईमेल के माध्यम से सूचित किया था कि उनके रजिस्ट्रेशन नंबर पर बार-बार ट्रैफिक चालान के मैसेज आ रहे हैं, जबकि वे इन जगहों पर गये ही नहीं। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और सबसे पहले मंगल नस्कर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो उस स्कूटी को चला रहा था। मंगल की निशानदेही पर पुलिस ने जहूरा बाजार लेन के रहने वाले परमेंद्र प्रसाद केसरी को पकड़ा, जिसने वह फर्जी नंबर प्लेट वाली स्कूटी मंगल को दी थी। जांच आगे बढ़ी और परमेंद्र की पूछताछ में पुलिस को बिक्रम साव नामक एक व्यक्ति के नाम का पता चला, जो तिलजला के पिकनिक गार्डन रोड में नंबर प्लेट बनाने की दुकान चलाता था। जब पुलिस बिक्रम की दुकान पर पहुंची, तो वहां से उसे भारी मात्रा में फर्जी नंबर प्लेट और एक नंबर प्लेट बनाने की मशीन बरामद हुई। पुलिस का दावा है कि बिक्रम के पास इस काम के लिए कोई वैध लाइसेंस नहीं था। बिक्रम से पूछताछ के बाद पुलिस ने मल्लिक बाजार स्थित मैकलिओड स्ट्रीट पर छापेमारी की, जहां से कई और फर्जी नंबर प्लेटें बरामद की गईं। यहीं से पुलिस ने पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस को शक है कि यह कोई स्थानीय गिरोह नहीं, बल्कि इसके तार झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। इस पूरे रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।