कोलकाता सिटी

स्टील एंड पावर से जुड़ी कंपनी की ₹133.09 करोड़ की संपत्ति अटैच

6,210 करोड़ के घोटाले की जांच तेज की ईडी

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कोलकाता ज़ोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए स्टील एंड पावर से जुड़ी एक कंपनी और इसके प्रमोटर के खिलाफ चल रही जांच के तहत ₹133.09 करोड़ की चल-अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं।

यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की बैंकिंग सिक्योरिटीज़ एंड फ्रॉड ब्रांच (BSFB), कोलकाता द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है, जिसमें उनकी कंपनी पर ₹6,210.72 करोड़ (ब्याज को छोड़कर) की धोखाधड़ी का आरोप है। यह घोटाला फंड डायवर्जन, झूठे स्टॉक स्टेटमेंट, बैलेंस शीट में हेराफेरी जैसी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के जरिए अंजाम दिया गया।

ईडी की जांच में सामने आया है कि उद्योगपति ने बैंक लोन की राशि का दुरुपयोग करते हुए कई अचल संपत्तियां खरीदीं, जो उन्होंने अपनी रिश्तेदारों, कर्मचारियों और सहयोगियों के नाम पर दर्ज कराईं। साथ ही, उन्होंने यह राशि अपनी ग्रुप कंपनियों के माध्यम से कंपनियों में डिबेंचर खरीदने में लगाई, जिन्हें बाद में इक्विटी में तब्दील कर दिया गया।

इससे पहले, इस मामले में ₹612.71 करोड़ की संपत्तियां पहले ही जब्त की जा चुकी हैं। ईडी ने इस संबंध में 15 फरवरी 2025 को पहली और 11 जुलाई 2025 को पूरक प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दाखिल की थी। वहीं, कोलकाता के जाने-माने उद्योगपति को गिरफ्तार किया जा चुका है, और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

जांच में यह भी पता चला है कि कई फर्जी कंपनियों का उपयोग कर अवैध धन (Proceeds of Crime) को छिपाने और लेयरिंग की गई। इन कंपनियों के निदेशकों, सहयोगियों और अन्य संबंधों की भूमिका की गहन जांच जारी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस वित्तीय घोटाले के अंतिम लाभार्थी (Ultimate Beneficiaries) कौन हैं।

ईडी की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल में जारी आर्थिक अपराधों पर कड़ा संदेश देने के रूप में देखी जा रही है। एजेंसी ने संकेत दिया है कि जांच आगे भी जारी रहेगी और आने वाले समय में और भी बड़ी जब्ती और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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