कोलकाता : 2024 की तीसरी तिमाही की तुलना में कोलकाता में संपत्ति की कीमतों में 6% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि देश के शीर्ष आठ शहरों में औसत वृद्धि 9% रही है। इसे लेकर क्रेडाई वेस्ट बंगाल के प्रेसिडेंट और मर्लिन ग्रुप के चेयरमैन सुशील मोहता ने कहा कि निर्माण लागत, विशेषकर मज़दूरी और ज़मीन के दाम बढ़ने के बावजूद कोलकाता में कीमतों में अपेक्षित वृद्धि अभी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 2026 तक संपत्ति के दाम कम से कम 10% तक बढ़ेंगे। मोहता के अनुसार, लग्ज़री सेगमेंट में कीमतें बहुत अधिक नहीं बढ़ेंगी, लेकिन 1 से 2 करोड़ रुपये के बीच के मिड-सेगमेंट में लगभग 10% की बढ़ोतरी की संभावना है। उक्त रिपोर्ट रियल एस्टेट संस्था एनारॉक की ओर से जारी की गयी है।
शहर के ग्रेड ‘ए’ ऑफिस बिल्डिंग्स में अब लगभग कोई खाली जगह नहीं बची है, हालांकि किराया और बिक्री मूल्य अब भी चार अंकों में है। सुशील मोहता ने कहा कि निर्माण और भूमि लागत में बढ़ोतरी के कारण मौजूदा दाम पर व्यवसायिक परियोजनाओं की व्यवहार्यता बहुत कम है, इसी वजह से नए कमर्शियल प्रोजेक्ट्स की संख्या सीमित है। उन्होंने बताया कि कई इलाकों में रिहायशी संपत्तियों के दाम ऑफिस स्पेस से ज्यादा हैं, इसलिए डेवलपर्स अब आवासीय प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। अगले साल ऑफिस सेगमेंट में प्रति वर्गफुट कीमत 10,000 रुपये से ऊपर पहुंच सकती है।