बर्नपुर : सेल आईएसपी ने अपने दो बड़े हाई स्कूलों के साथ प्राइमरी स्कूल को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय ले लिया है। प्रबंधन ने इसके संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया है, जिसका अभिभावकों ने कड़ा विरोध किया है। गौरतलब है कि सेल आईएसपी प्रबंधन ने बर्नपुर बॉयज हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी, बर्नपुर गर्ल्स हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी एवं प्राइमरी स्कूल जो वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेंकेंडरी एजुकेशन, वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेंकेंडरी एजुकेशन एवं वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन से संबद्ध है, उसके संचालन हेतु एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी कर दिया है। वहीं आईएसपी प्रबंधन के इस निर्णय का अभिभावकों ने कड़ा विरोध करते हुये वेस्ट बंगाल प्राइमरी ट्रेन्ड टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वार्ड 78 के पार्षद अशोक रूद्र से सहायता की मांग की है।
अभिभावकों ने जताई चिंता
अभिभावकों ने चिंता जताते हुये कहा कि अगर इन स्कूलों को प्राइवेट संस्था के हाथ में दे दिया जायेगा तो वहां पढ़ रहे बच्चों का क्या होगा। साथ ही उनका आरोप है कि प्राइवेट स्कूल में सभी लोग पढ़ाने में असमर्थ होते हैं, वहां लगने वाली फीस आम आदमी कहां से दे पायेंगे। उनका कहना है कि आईएसपी में कार्यरत कर्मचारी के बच्चों का फ्री, कांट्रेक्टर वर्कर के बच्चे का 30 रुपया, महिला समाज द्वारा एडमिशन वाले बच्चों का 180 रुपया और सामान्य लोगों के बच्चों का 720 रुपये कर वार्षिक ट्यूशन फीस ली जाती है। अब प्राइवेट संस्था के हाथों में जाने से क्या यही फीस स्ट्रक्चर रहेगा। उनका आरोप है कि एक तरफ सेल आईएसपी के सीएसआर के तहत आसपास के गांव में जाकर विभिन्न प्रकार के स्कूल में पढ़ाई की सामग्री बांट रहा और अपने ही स्कूल को प्राइवेट संस्था के हाथों में देने के लिए ईओआई जारी कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका अर्थ है कि आईएसपी प्रबंधन के कथनी और करनी में काफी अंतर है।
ईओआई का होगा कड़ा विरोध
वेस्ट बंगाल प्राइमरी ट्रेन्ड टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वार्ड 78 के पार्षद अशोक रूद्र ने बताया कि उनके पास बर्नपुर बॉयज हाई स्कूल एवं बर्नपुर गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने ईओआई के विरोध में सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को विभिन्न पार्षदों और स्थानीय अभिभावकों व लोगों के साथ सेल आईएसपी प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार पढ़ाई को लेकर इन स्कूलों को भरपूर सहायता करती है और इन स्कूलों को निजी संस्था के हाथ में नहीं जाने देंगे, इसे लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।