संविधान पर चर्चा ः प्रियंका गांधी की धुआंधार पारी | Sanmarg

संविधान पर चर्चा ः प्रियंका गांधी की धुआंधार पारी

‘संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का पहला दिन

नयी दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए दावा किया कि अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह के नहीं होते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि ‘एक व्यक्ति’ को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। उन्होंने दावा कि भारत लंबे समय तक ‘कायरों के हाथ में कभी नहीं रहा’ और यह देश उठेगा और लड़ेगा।

संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं

प्रियंका ने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर भय फैलाने का आरोप लगाया और कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाये हैं कि संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है। वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सदन में उनका यह पहला भाषण था। उन्होंने कहा कि संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार ‘लेटरल एंट्री’ और निजीकरण के जरिये आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। सत्तापक्ष को चुनाव में हारते-हारते जीतने के बाद पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी और संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी। उनका कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि इस तरह के नतीजे आये।

‘जिनका नाम लेने से आप झिझकते हैं…’

प्रियंका ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि जिनका नाम लेने से कभी-कभी आप झिझकते हैं और कभी-कभी जिनका नाम धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है अपने आप को बचाने के लिए। उन्होंने एचएएल, बीएचईएल, सेल, गेल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, रेलवे, आईआईटी, आईआईएम, तेल रिफाइनरियां और कई सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किये। उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है लेकिन उनकी जो भूमिका रही उसे इस देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता।

भेष बदलने का शौक है लेकिन जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले एक कहानी होती थी। राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था, आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री संविधान को माथे पर लगाते हैं लेकिन संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने धनबल और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष की सरकारें गिरायीं। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास वॉशिंग मशीन है जिसमें लोग जाते हैं और धुल जाते हैं।

‘कांग्रेस ने की संविधान के निर्माण को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश’

इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गयी है। रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस चाहे कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हम कभी भी संविधान के मूल चरित्र को बदलने नहीं देंगे।

संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का पहला दिन

रक्षामंत्री ने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी परोक्ष निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं क्योंकि उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है। सिंह ने पने करीब 55 मिनट के भाषण में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के मूल्यों को केंद्र में रखकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने आपातकाल के काले दिनों में भी संविधान के मूल चरित्र को चोट पहुंचाने के हर प्रयास का मजबूती के साथ विरोध किया था।

10 वर्षों में किये संशोधन सामाजिक न्याय की भावना से प्रेरित

लोकसभा के उपनेता ने दावा किया कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जो भी सांविधानिक संशोधन किये, उन सभी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सांविधानिक मूल्यों को सशक्त करना था, सामाजिक कल्याण था और लोगों का सशक्तीकरण था। उन्होंने कहा कि हमने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया ताकि भारत की अखंडता सुनिश्चित हो। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी सामाजिक न्याय की भावना से ही प्रेरित था।

कांग्रेस शासन में 62 बार हुआ संविधान में बदलाव

रक्षामंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पंडित जवारलाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए 28 बार, राजीव गांधी के समय 10 बार और मनमोहन सिंह के समय 7 बार संविधान संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करने की जगह 1951 में ही संविधान संशोधन करके, नागरिकों की बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचल दिया। सिंह ने कहा कि हमने हमेशा बाबा साहेब आंबेडकर और संविधान सभा की भावना के प्रति पूरी निष्ठा रखते हुए, संविधान को एक दिशानिर्देशक सिद्धांत मानकर कार्य किया है।

जाति जनगणना की मांग पर विपक्ष को घेरा

जाति जनगणना की मांग पर विपक्ष को घेरते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल जातीय जनगणना की बात करते हैं तो वे इस बात का खाका भी प्रस्तुत करें कि किस जाति को कितने प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा खाका तैयार किया जायेगा और आसन की अनुमति होगी तो यहां ऐसे मसौदे पर चर्चा करायी जा सकती है।

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