फंसा कर्ज घटाकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं सरकारी बैंक | Sanmarg

फंसा कर्ज घटाकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं सरकारी बैंक

नयी दिल्लीः फंसा कर्ज घटाकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं सरकारी बैंक अपने मुनाफे में भारी वृद्धि कर रहे हैं। इधर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) में सरकार के विभिन्न उपायों के कारण भारी गिरावट दर्ज हुई है। सितंबर, 2024 के अंत में यह घटकर एक दशक के निचले स्तर 3.12 प्रतिशत पर आ गया है। मार्च, 2018 में सरकारी बैंकों का कुल एनपीए 14.58 प्रतिशत था। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

कैसे आई कमीः सरकार के चार ‘आर’ यानी समस्या की पहचान (रिकॉग्निशन), पूंजी डालना (रिकैपिटलाइजेशन), समाधान (रिजोल्यूशन) और सुधार (रिफॉर्म) जैसे उपायों से एनपीए में कमी आई है। 2015 के बाद से, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के समक्ष चुनौतियों के समाधान के लिए चार ‘आर’ की रणनीति अपनायी। इसके तहत एनपीए को पारदर्शी रूप से पहचानने, उसका समाधान और फंसे कर्ज की वसूली, पीएसबी में पूंजी डालने और वित्तीय प्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाए गए।

कितना रहा लाभः  सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2023-24 के दौरान 1.41 लाख करोड़ रुपये का सर्वाधिक शुद्ध लाभ कमाया, जो 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये था। 2024-25 की पहली छमाही में यह आंकड़ा 0.86 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले तीन साल में, पीएसबी ने कुल 61,964 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है।

क्या रही स्थिति ः पीएसबी में पूंजी पर्याप्तता अनुपात 3.93 प्रतिशत सुधरकर सितंबर, 2024 में 15.43 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो मार्च, 2015 में 11.45 प्रतिशत था।

कितने बढ़े ब्रांचः सार्वजनिक बैंक शाखाओं (ब्रांच)  संख्या सितंबर, 2024 में 1,60,501 हो गई जो मार्च, 2014 में 1,17,990 थी। 1,60,501 शाखाओं में से 1,00,686 शाखाएं ग्रामीण और कस्बों में हैं।

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