ढाका : नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस (84) के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार गुरुवार को शपथ लेगी। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने कहा कि अंतरिम सरकार गुरुवार को रात 8 बजे शपथ ले सकती है। सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने अर्थशास्त्री यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया था।
नियंत्रण सेना के हाथ : सेना ने अस्थायी रूप से देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अंतरिम सरकार में उसकी क्या भूमिका होगी। यूनुस नए सिरे से चुनावों की घोषणा तक बागडोर संभाल सकते हैं।
गरीबी उन्मूलन के लिए नोबेल : शेख हसीना के शासनकाल के दौरान गबन के आरोप में उत्पीड़न का सामना करने वाले यूनुस अब शासन संभालेंगे। पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के उपयोग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की ताकि उन उद्यमियों को छोटे ऋण उपलब्ध कराए जा सकें जो सामान्यत: उन्हें प्राप्त करने के योग्य नहीं होते। उन्हें ‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’ भी कहा जाता है। हालांकि हसीना ने यूनुस को ‘खून चूसने वाला’ कहा था और उन पर ग्रामीण बैंक के प्रमुख के तौर पर गरीब ग्रामीण महिलाओं से ऋण वसूलने के लिए बल और अन्य तरीकों के इस्तेमाल का आरोप लगाया था। यूनुस ने पहले घोषणा की थी कि वे 2007 में राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, पर बनाई नहीं। यूनुस हसीना के कटु आलोचक हैं और उन्होंने हसीना के इस्तीफे को देश का ‘दूसरा मुक्ति दिवस’ बताया है। हसीना की सरकार ने 2011 में बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और 2013 में उन पर बिना सरकारी अनुमति पैसे लेने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश में एक विशेष न्यायाधीश की अदालत ने यूनुस और 13 अन्य पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर के गबन के मामले में आरोप तय किए थे।