कोलकाता में पहले हाफ में वेयरहाउसिंग लेन-देन में हुई सालाना 27% की वृद्धि | Sanmarg

कोलकाता में पहले हाफ में वेयरहाउसिंग लेन-देन में हुई सालाना 27% की वृद्धि

कोलकाता : महानगर समेत देश भर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग बढ़ा दी है। ऐसे में कोलकाता में वर्ष 2024 के पहले हाफ में वेयरहाउसिंग स्पेस संबंधी लेन-देन सालाना 27% बढ़ा है। इसके अलावा कोलकाता देश का दूसरा सबसे खर्चीला वेयरहाउसिंग मार्केट बन गया है। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट ‘इंडिया वेयरहाउसिंग मार्केट रिपोर्ट-एच1 2024’ में इसका खुलासा किया गया है। इसमें कहा गया है कि वेयरहाउस संबंधी लेन-देन भारत के मुख्य 8 मार्केट में वित्तीय वर्ष 2024 के पहले हाफ (जनवरी से जून 2024) में 23 मिलियन स्क्वायर फीट हुआ है। वर्ष 2023 के पहले हाफ की तुलना में 2024 के पहले हाफ में यह 4% कम है। वहीं इस बार ग्रेड ए स्पेस में 55% लेन-देन हुए हैं। बताया गया कि मुंबई जो कि वेयरहाउसिंग के लिए लीडिंग मार्केट है, वहां कुल वेयरहाउस ट्रांजैक्शन का 20% हुआ है। इसमें एनसीआर दूसरे नंबर पर रहा जहां कुल वेयरहाउसिंग लेन-देन का 17% हुआ है।

कोलकाता में हुआ 2.9 मिलियन स्क्वायर फीट ट्रांजैक्शन : वर्ष 2024 के पहले हाफ में कोलकाता में वेयरहाउसिंग ट्रांजैक्शन में सालाना वृद्धि 27% की हुई। गत वर्ष वेयरहाउसिंग संबंधी लेन-देन 2.2 मिलियन स्क्वायर फीट हुआ था जो इस बार बढ़कर 2.9 मिलियन स्क्वायर फीट हुआ है। यह वृद्धि प्रमुख 8 मार्केट में सबसे अधिक है। इसके अलावा कोलकाता देश भर में दूसरा सबसे खर्चीला वेयरहाउसिंग मार्केट बन गया है जहां किराये की दर 23.8 रु. प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से प्रति महीने है जो सालाना 3% अधिक है। सबसे खर्चीले वेयरहाउसिंग मार्केट में पहले स्थान पर पुणे रहा। पुणे और चेन्नई में किराये में 4% की वृद्धि दर्ज की गयी जबकि एनसीआर व कोलकाता में सालाना वृद्धि 3% दर्ज की गयी।

यह कहा चेयरमैन व एमडी ने

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन व एमडी शिशिर बैजल ने कहा, ‘विनिर्माण क्षेत्र की मांग ने ई-कॉमर्स में मंदी की भरपाई की है। भंडारण विकास के लिए व्यवहार्य भूमि की उपलब्धता एक चुनौती बनी हुई है, इस क्षेत्र में उच्च संस्थागत रुचि से उच्च गुणवत्ता वाली आपूर्ति के विकास को सक्षम किया जाना चाहिए। वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य से संभावित प्रभावों के बावजूद, भारत की मजबूत राजकोषीय स्थिति और लचीली अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2024 के शेष भाग के लिए वेयरहाउसिंग बाजार की स्थिरता और विकास क्षमता को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में है।

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