कौन कर रहा है जमाखोरी : होलसेल और रिटेल मार्केट में कई सब्जियों की दर है अलग-अलग
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी 10 दिनों केे अंदर सब्जियों की महंगाई कम करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद ही बुधवार को ईबी, कोलकाता नगर निगम और टास्क फोर्स के सदस्यों ने मिलकर फूलबागान स्थित वीआईपी मार्केट और सियालदह के कोले मार्केट का दौरा किया। इस दौरान यह बात सामने आयी है कि होलसेल और रिटेल मार्केट में सब्जियों की दर अलग-अलग है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जमाखोरी कौन कर रहा है। इस संबंध में आज मानिकतला मार्केट का दौरा टीम करेगी।
कई सब्जियों की दरों में काफी अंतर
राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य रवींद्र नाथ कोले ने सन्मार्ग को बताया, ‘कई सब्जियों की दरों में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। आलू से लेकर खीरा, गाजर, भिंडी समेत अन्य सब्जियों की दरें होलसेल और रिटेल मार्केट में दरों में काफी अंतर देखा गया। यह भी हो सकता है कि टास्क फोर्स को देखकर होलसेल मार्केट में सब्जियों की दरें व्यवसायियों ने जान-बूझकर कम बतायी हो। इसके लिये हमने मुचीपाड़ा थाना से मदद मांगी है।’
क्या कहना है व्यवसायियों का : फूलबागान मार्केट के व्यवसायियों ने बताया कि कई चीजों के दाम गुणवत्ता के कारण अलग-अलग हैं। रवींद्र नाथ कोले ने बताया कि कैप्सिकम बंगाल में नहीं होता है। कोले मार्केट में जो कैप्सिकम है, वह काफी बड़े आकार का है जिस कारण वहां दाम कम है। वहीं कुछ व्यवसायियों का कहना है कि सप्लाई कम होने के कारण दाम में वृद्धि हुई है।
कई सब्जियों की कीमतें हुईं कम
वेस्ट बंगाल फार्मर्स एण्ड वेंडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कमल दे ने कहा, ‘मौसम में सुधार आते ही कई सब्जियों के दाम कम होना शुरू हो गये हैं। 50 पैसे प्रति किलो से लेकर एक रुपये प्रति किलो तक कुछ सब्जियों के दाम कम हुए हैं। पहले 40 डिग्री के ऊपर तापमान चला गया था जो यहां की जमीन के लिये असहनीय है। इस कारण सब्जियां काफी महंगी हो गयी थी। हालांकि अब पारा 33 से 34 डिग्री के आस-पास है, ऐसे में अब सब्जियों की कीमतों में यूं ही गिरावट आयेगी।’