
नयी दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को दावा है कि दिल्ली और मुंबई जैसे एयरपोर्ट पर हवाई संचालन राम भरोसे है। अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद संयुक्त महानिदेशक के नेतृत्व में दो टीम बनाई गई थीं। एक टीम ने दिन में आैर दूसरी टीम ने रात में दिल्ली और मुंबई समेत कुछ अन्य एयरपोर्ट पर जाकर सेफ्टी ऑडिट की जांच की है। जांच में उड़ान संचालन, उड़ान योग्यता, रैंप सुरक्षा, हवाई यातायात नियंत्रण, संचार, नेविगेशन प्रणाली और उड़ान-पूर्व चिकित्सा मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया था, जिसमें एयरलाइंस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटरों को 7 दिन में सुधार करने का सख्त आदेश दिया है, सुधार नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।
घिसे हुए टायर : निगरानी के दौरान, एक एयरलाइन की घरेलू उड़ान घिसे हुए टायरों के कारण रुकी हुई पाई गई। ऐसे कई मामले थे, जिनमें पहले पता चल चुकी खामियां विमान में फिर से दिखाई दीं। एक जगह रनवे की मार्किंग ही धुंधली पड़ चुकी थी, जिससे फ्लाइट को लैंड करने और टेकआॅफ करने में परेशानी होती। एक सिम्युलेटर विमान की बनावट से मेल नहीं खा रहा था और सॉफ्टवेयर भी वर्तमान संस्करण में ‘अपडेट’ नहीं किया गया था।ए भविष्य में व्यापक निगरानी जारी रहेगी।
निगरानी में क्या पाया : ‘बैगेज ट्रॉली’ जैसे उपकरण खराब पाए गए। विमान के रखरखाव के दौरान कार्य आदेश का पालन नहीं किया गया था और अनुपयोगी ‘थ्रस्ट रिवर्सर’ प्रणाली और ‘फ्लैप स्लैट लीवर’ को लॉक नहीं किया गया था। एएमई (विमान रखरखाव इंजीनियर) द्वारा एएमएम (विमान रखरखाव मैनुअल) के अनुसार सुरक्षा सावधानियां नहीं बरती गईं। विमान में कई जीवन रक्षक जैकेट उनकी निर्धारित सीट के नीचे ठीक से नहीं रखे गए थे। कई हवाई अड्डों के आसपास नए निर्माण के बावजूद कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया था। हालांकि, इन हवाई अड्डों के नाम का खुलासा नहीं किया गया। डीजीसीए ने कहा कि विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में जोखिमों का पता लगाने के लि